- Inhelpu- My Choice: Politician

Get Coupon Code For Recharge

Showing posts with label Politician. Show all posts
Showing posts with label Politician. Show all posts

19 Dec 2017

Biography Of Narendra Modi


कैसे मुमकिन हुवा एक चाय वाले से प्रधानमत्री तक का सफ़र।:-
एक चाय वाले से प्रधानमंत्री तक का सफ़र सुनके तो नामुमकिन सा लगता है लेकिन ये सच है, नमस्कार  आज में आपको भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के जीवन के बारे में बताऊंगा पोस्ट थोड़ी लम्बी है लेकिन है बहुत रोचक उम्मीद है की आपको इससे जरुर कुछ ना कुछ सिखने को मिलेगा।

आजाद भारत गुजरात के बडनगर क़स्बे में जन्मे नरेंद्र मोदी अपनी माता पिता दामोदर दास मोदी और हीरा बा की 6 सन्तानो में से तीसरी सन्तान है। नरेंद्र मोदी का परिवार काफी गरीब था और वो एक कच्चे मकान में रहते थे, गरीबी का आलम ये था की दो वक्त की रोटी भी बड़ी मुस्किल से नसीब होती थी। उनकी माता आस पड़ोस में लोगु के बर्तन साफ किया करती और उनके पिता की रेलवे स्टेशन में चाय की दूकान थी, जिससे घर का खर्च भी बड़ी मुस्किल से चलता था। नरेंद्र मोदी जी भी अपने पिता के काम में उनका हाथ बटाते थे, और रेल के डिब्बो में जाके चाय बेचा करते थे।


You Want To Know:- Chartered Accountant (CA) कैसे बने (Click Here)


बचपन के इन्ही दिनों ने मोदी जी के जिन्दगी में गहरी छाप छोड़ दी, ऐसा नही है की नरेद्र मोदी जी पढाई नही करते थे, वो अपने पिता की दुकान में खाली समय में पढ़ते भी थे। स्कूल में सभी विद्यार्थी और शिक्षक उनको बहुत प्यार करते थे। उनको नाटको और कला में भाग लेना काफी अच्छा लगता था, और वो स्कूल के सभी नाटको में हिस्सा भी लेते थे। बचपन से ही मोदी जी को नेत्रत्व करने का बड़ा सौक था और वो करते भी थे। स्कूल में उनको मित्र सभी धर्मो के लोग थे और वो सभी धर्मो के त्योहारों को अपने दोस्तों के साथ मिल कर मानते भी थे। मोदी जी बचपन से ही अपने देश से बहुत प्यार करते थे, और स्वामी विवेकानंद जी को अपना गुरु मानते थे। बचपन में ही मोदी जी ने ठान लिया था की स्वामी विवेकानंद जी को विश्व गुरु बनाना है। केवल 17 वर्ष की उम्र में मोदी ही देश के भ्रमण में चले गये, उन्होंने भारत के काफी हिस्सों में भ्रमण किया जिनमे ऋषिकेश और बंगाल में रामक्रष्ण आश्रम मुख्य है, और फिर 2 वर्ष बाद वो वापस घर लौट आये। इन यात्राओं ने मोदी जी को पूरी तरह से बदल दिया। अब उनके जीवन का एक मकसद था राष्ट्र की सेवा करने का। कुछ ही दिन घर में रुकने के बाद वो अहमदाबाद के लिए निकल गए और वहां जाकर उन्होंने RSS ज्वाइन कर ली RSS एक संगठन है जो देश की सेवा करता है। 1970 में उनको RSS का प्रचारक बना दिया गया और साथ ही उन्होंने राजनितिक विज्ञानं में डिग्री भी प्राप्त कर ली। 1975 में जब देश में आपातकाल लग गया तो देश की सभी RSS जैसी संस्थाओं पर प्रतिबंध लग गया, लेकिन मोदी जी कहा रुकने वाले थे, उन्होंने फिर भी सरकार की गलत नीतियों का जमकर प्रचार किया। RSS में लड़ी मेहनत करने के बाद उनको BJP में सामिल किया गया।
                                             Read here:- Biography Of Adi Godrej
 सन 1990 में आडवाणी की अयोध्या रथ यात्रा का आयोजन मोदी जी ने ही किया। मोदी जी की इस मेहनत को देख कर BJP के बड़े नेताओ को मोदी की तारीफ किए बिना रहा नही जाता था। इसी मेहनत की वजह से मोदी जी का कद BJP में बढता चला गया। सन 2001 में गुजरात में भारी भुकम्प आया, जिससे मानो गुजरात तहस नहस सा हो गया। गुजरात सरकार के रहत कार्य से नाखुस होकर BJP ने नरेंद्र मोदी को गुजरात का मुख्यमत्री बना दिया। मोदी जी ने सभी जरुरी कदम उठाए और गुजरात को फिर से सवारा। गुजरात में मोदी के मुख्यमन्त्री रहते हुवे उन्होंने गुजरात की काफी सेवा की। जिसमे उन्होंने एशिया का सबसे बड़ा सोलर प्रोजेक्ट गुजरात में लगाया तथा वहा के हर गाँव तक बिजली पहुचाई। मोदी ने काफी हद तक गुजरात में बेरोजगारी भी ख़त्म कर दी, उनके इसी काम से खुस होकर गुजरात की जनता ने उनको 4 बार अपना मुख्यमन्त्री चूना। गुजरात में उनकी मेहनत को देखकर BJP नेताओ ने उनको 2014 के लोकसभा चुनावो में प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बना दिया, मोदी ने यहाँ भी अपनी मेहनत से BJP को पूर्ण बहुमत दिल दिया और वो जनता के द्वारा भारत के 15वें प्रधानमंत्री चूने गये। मोदी जी अभी भी अपनी मेहनत से देश की सेवा कर रहे है और यक़ीनन वो एक दिन भारत को विश्व गुरु बना देंगे हमारी शुभ कामनाए उनके साथ है।
                                                     Read here :-Biography Of Kapil Sharma
नरेन्द्र मोदी जी से हमें यह सिख मिलती है की चाहे हमारी पारिवारिक स्थिति कैसी भी हो अगर हमारी मेहनत अपने लक्ष के प्रति सच्ची है तो हम जरुर सफल होंगे।

Biography Of Barack Obama In Hindi- Inhelpu

Biography of Barack Obama  in hindi








परिचय/Introduction


पूरा नाम  – बराक हुसैन ओबामा II – Barack Obama
जन्म     – अगस्त 4, 1961
जन्मस्थान – Honolulu, Hawaii
पिता     – Barack Obama Sr.
माता     – Ann Dunham
विवाह    – Michelle Obama/ Michelle LaVaughn Robinson



प्रारम्भिक जीवन /Early life


बराक हुसैन ओबामा का जन्म 04 अगस्त 1961 को Honolulu, Hawaii में हुआ , उनके पिता  अफ्रीकी मूल के निवासी थे। उनकी माता अमेरिकी मूल की स्वेत महिला थी। ओबामा के माता और पिता मनोना की हवाई युनिवेर्सिटी के छात्र थे, और एक दुसरे से प्यार करते थे और 2 फरवरी 1961 को दोनों ने शादी कर ली और पहली संतान के रूप में ओबामा जन्मे जिनका नाम उनके पिता के नाम पर रखा गया। ओबामा के माता-पिता शादी के बाद अमेरिका में ही रहने लगे। अश्वेत होने के कारण उनको काफी बेइजती का सामना करना पड़ता था। ओबामा के नाना - नानी के अलावा ओबामा के पिता को कोई भी पसंद नही करता था। जब ओबामा का जन्म हुआ  तो वो भी अश्वेत बच्चे के रूप में पैदा हुवे।Ann Dunham के परिवार वाले और उनके रिश्तेदारों को एक अश्वेत बच्चे को गोद में लेना बिलकुल भी पसंद ना था।
जब ओबामा को अपने माता - पिता की सबसे ज्यादा जरूरत थी, उस समय ओबामा के माता-पिता का तलाक हो गया जबकि उस समय ओबामा की उम्र केवल 2 वर्ष थी। ओबामा के पिता वापस अफ्रीका चले गये अब ओबामा की माँ बिलकुल अकेली पड गयी और वो ओबामा के भविष्य के बारे में चिंतित रहने लगी।
ओबामा की माता की मुलाक़ात एक इंडोनेशिया के अश्वेत  लड़के से हवी जिसका नाम लोलो सॉयटोरो था और उन्होंने उनसे शादी कर ली। 1967 में एन डनहम ओबामा को लेकर अपने दुसरे पति के घर इंडोनेशिया चली गई, और जकार्ता के असीसी स्कूल में ओबामा का दाखिला करवा दिया। 4 वर्ष इंडोनेशिया में रहने के बाद ओबामा वापस अमेरिका आ गये और अपने नाना - नानी के साथ रहने लगे इस समय ओबामा की आयु 10 वर्ष थी। ओबामा ने अपने आगे की पढाई होनोलूलू के पुनाहोऊ स्कूल में की।


कैरियर /Career



 जब ओबामा स्कूल में पढ़ते थे तो कुछ ख़राब दोस्तों की संगती के कारण  उनको नशे की लत लग गई थी, जिसको उन्होंने जल्द ही छोड़ दिया था। सन 1981 में ओबामा ने न्यूयॉर्क युनिवेर्सिटी में दाखिला लिया और राजनीति शास्त्र से ग्रेजुएशन किया। 1983 में ग्रेजुएशन पूर्ण करने के बाद ओबामा इंटरनेशनल कॉर्पोरेट नमक संस्था में नौकरी करने लगे, इस संस्था में नौकरी करने के बाद उन्होंने न्यूयॉर्क पब्लिक इंटरेस्ट रिसर्च ग्रुप ज्वाइन किया। कुछ वर्ष बाद ओबामा शिकागो आये और उन्होंने शिकागो में डेवेलपिंग कम्युनिटीज प्रोजेक्ट नामक संस्था ज्वाइन कर ली। 3 वर्ष इस संस्था के लिए काम करने के बाद ओबामा ने 1988 में हार्वर्ड लॉ स्कूल में दाखिला लिया। ओबामा को अपने विचार लिख कर दूसरो के सामने रखने का बड़ा शौक था, इस कारण उन्हें 1989 में हार्वड लो रिव्यू नामक पत्रिका का सम्पादक चुन लिया गया। ओबामा ने 1991 में हार्वर्ड से जूनिस डॉक्टर की डिग्री प्राप्त की और वो शिकागो वापस लौट आये। 3 अक्टूबर 1992 को ओबामा ने Michelle LaVaughn Robinson के साथ विवाह कर लिया जोकि एक अश्वेत समुदाय से थी। ओबामा की माता की केंसर के कारण 1995 में म्रत्यु हो गई, जिससे ओबामा पूरी तरह टूट गयें लेकिन मिशेल ने उनको संभाल लिया। सन 1992 में ओबामा शिकागो के लो स्कूल में अध्यापक के रूप में नियुक्त हुवे और पूरे 8 वर्ष तक लो स्कूल के लिए अध्यापन कार्य करते रहे। इसी बीच ओबामा ने अमेरिका की राजनितिक पार्टी ज्वाइन कर ली, जिसका नाम ड्रेमोक्रेटिक पार्टी है। ओबामा ने अपने इमानदारी, अपने देश के प्रति प्यार और मेहनत से ड्रेमोक्रेटिक पार्टी में कई पद हासिल किये, और 20 जनवरी 2009 को उन्होंने अपने राष्ट्रपति पद के लिए चुना गया . इसके 9 महीनें के बाद ओबामा को 2009 में नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजा गया
अपनी साफ़ नियत, इमानदारी और सच्ची मेहनत की वजह से Obama  आज भी अमेरिकियों के चहेते है,ना सिर्फ अमेरिका बल्कि पूरी दुनिया के चहेते बन चुके है।



Thanks For Reading

Abraham Lincoln Biography in Hindi- Inhelpu

Abraham Lincoln Biography in Hindi:--


 अब्राहम लिंकन अमेरिका के 16 वें राष्ट्रपति थे. इनका कार्यकाल सन 1861 से सन 1865 तक चला. इन्होंने अमेरिका में हो रही गुलामी की प्रथा से वहां के लोगों को मुक्त कराया. उनका मानना था कि जात –पात, गोर –काले, सब एक समान है इनमें कोई भेद नहीं है. अब्राहम लिंकन का जन्म एक गरीब अश्वेत परिवार में हुआ. वे पहले गणतंत्रवादी थे, जो अमेरिका के राष्ट्रपति चुने गए. इसके पहले वे एक वकील, इलिअन्स स्टेट के विधायक, अमेरिका के हाउस ऑफ़ रिप्रेसेंटेटिव्स के सदस्य थे. अब्राहम लिंकन ने अमेरिका की सबसे बड़ी लड़ाई में अपने साहस और हिम्मत से सफलता हासिल की. अब्राहम लिंकन ईमानदार और खुले विचारों वाले इन्सान थे, उनसे किसी का दर्द देखा नही जाता था.

अब्राहम लिंकन का जीवन परिचय 

नीचे दी गई सूची में अब्राहम लिंकन का जन्म, परिवार, उपलब्धि एवं मृत्यु दर्शाई गई है-

  क्र.म. जीवन परिचय बिन्दू अब्राहम लिंकन का जीवन परिचय
1. पूरा नाम- अब्राहम थॉमस लिंकन
2. जन्म- 12 फ़रवरी 1809
3. जन्म स्थान- होड्जेंविल्ले  केंटुकी (अमेरिका)
4. मृत्यु -15 अप्रैल 1865
5. माता- पिता- थॉमस लिंकन, नेन्सी
6. पत्नी- मैरी टॉड
7. बच्चे -रोबर्ट, एडवर्ड, विल्ली और टेड
8. व्यवसाय- वकील
9. राष्ट्रीयता- अमेरिकन
10. उपलब्धि- अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति
 अब्राहम लिंकन का सम्पूर्ण जीवन परिचय निम्न बिन्दुओं पर आधारित है-

जन्म (Abraham Lincoln Birth) –
अब्राहम लिंकन का जन्म केंटुकी (अमेरिका) के हार्डिन काउंटी में एक लोग केबिन में हुआ. उनके पिता थॉमस एक मजबूत और निर्धारित मार्ग प्रशस्त करने वाले इन्सान थे और समाज में सम्माननीय भी थे. अब्राहम की एक बड़ी बहन सारह और एक छोटा भाई थॉमस था, जिनकी बचपन में ही मृत्यु हो गई. जमीन के विवाद के समय सन 1817 में लिंकन को केंटुकी से इंडिआना के पैरी काउंटी में आना पड़ा, जहाँ उनका परिवार बहुत ही मुश्किलों में रह रहा था, किन्तु थॉमस ने अंत में एक जमीन खरीदी.
जब अब्राहम 9 साल के थे, तब उनकी माता की 5 अक्टूबर सन 1818 में 34 साल की उम्र में मृत्यु हो गई. उस समय उनकी दुनिया उजड़ गई थी और अब्राहम अपने पिता से अलग होते जा रहे थे और उस समय उन्होंने कड़ी मेहनत की. नेंसी की मृत्यु के एक साल बाद दिसम्बर 1819 में थॉमस ने सारह बुश जॉनसन से शादी कर ली, जोकि खुद विधवा थी और उनके 3 बच्चे भी थे. वे बहुत मजबूत और स्नेही महिला थी, उनकी अब्राहम के साथ अच्छी बोन्डिंग थी. वे दोनों ही ज्यादा पढ़े –लिखे नहीं थे, किन्तु सारह ने अब्राहम को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया. थॉमस एक किसान थे, उनके पास ज्यादा पैसे नही थे इसलिए अब्राहम की पढ़ाई पूरी नही हो सकी. एक और कारण था कि इन्डियाना में पढ़ने के लिए किताबें आसानी से नही मिलती थी, जिसके कारण थॉमस को किताबें लेने बहुत दूर चल कर जाना पड़ता था. अब्राहम ने अपनी पढ़ाई घर पर ही पूरी की.

वकालत (Abraham Lincoln Education) –
मार्च 1830 में अब्राहम अपने परिवार के साथ मैकॉन काउंटी में रहने चले गए. अब्राहम की उम्र इस समय 22 वर्ष थी, वे यहाँ आकर मजदूरी का काम करने लगे. अब्राहम लिंकन का कद 6’4 फुट था और वे दुबले -पतले एवं लम्बे थे, किन्तु वे शरीर से बहुत मजबूत थे. वे इस समय छोटी – मोटी नौकरीयां किया करते थे, जैसे चौकीदार, दुकानदार आदि किन्तु अंत में इन्होने एक जनरल स्टोर खोल ली. ये सब कुछ सालों तक चलता रहा. सन 1837 में अब्राहम लिंकन ने राजनीती की ओर कदम बढ़ाया. और वे व्हिग़ पार्टी के नेता बन गए. कई सारे चुनाव लड़े. किन्तु उनको आर्थिक विकास न होने और गरीबों को न्याय दिलाने के कारण उन्होंने फैसला किया कि वे वकील बनेंगे. और उन्होंने वकालत की पढ़ाई शुरू कर दी.
सन 1844 में अब्राहम लिंकन ने विलियम हेर्नदों के साथ वकालत का प्रशिक्षण किया और कुछ समय बाद वे वकील बन गए. वकालत से उन्होंने ज्यादा पैसे नही कमाए, किन्तु उनको उनकी वकालत से मानसिक शांति और संतोष मिलता था. जिसके सामने ये धन दौलत का कोई मोल नही था. वे अपने काम में बहुत ईमानदार थे, उसके किस्से आज भी प्रसिद्ध है.
लिंकन वकालत के समय उन लोगों से ज्यादा पैसे नही लिया करते थे, जो उनकी ही तरह गरीब थे. एक बार एक केस में उनके मुवकिल ने उनको 25 डॉलर दिए किन्तु उन्होंने 10 डॉलर यह कहकर वापस दे दिए कि उनके केस के सिर्फ 15 डॉलर ही होते है. इसी प्रकार एक बार एक महिला का केस जितने के बाद, उनके साथ काम करने वाले वकील ने उनसे ज्यादा पैसे ले लिए किन्तु अब्राहम ने उससे पैसे वापस करने को कहा. वे बहुत ही ईमानदार और सच्चे आदमी थे. उनका कहना था कि “जब कोई अच्छा करता है तो अच्छा महसूस करता है और जब बुरा करता है तो बुरा महसूस करता है” और यही उनका धर्म था.

राजनीति (Abraham Lincoln political career) –
सन 1854 में लिंकन ने फिर से राजनीती में कदम रखा. राजनीती के चलते वे बहुत से चुनाव में खड़े हुए. तब वे व्हिग़ पार्टी से जुड़े हुए थे, किन्तु कुछ समय बाद वह पार्टी खत्म हो गई. 1856 में नए गणतंत्रवाद (Republican) के सदस्य बन गए. इस नई पार्टी के वे बहुत ही काबिल नेता साबित हुए. इस समय वे उप राष्ट्रपति के लिए चुनाव में खड़े हुए और उन्हें बहुत कम वोट मिले, जिससे वे इस चुनाव में हार गए, और उन्होंने राष्ट्र के जरुरी नक़्शे को समझा.

राष्ट्र का पूरा ध्यान केंसास में हो रही हिंसा और डरेड स्कॉट के केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसला की तरफ चला गया था, जोकि नये राज्य में गुलामी के मामले के वाद विवाद पर था. लिंकन को लोग बहुत पसंद करते थे, क्यूकि लिंकन ने देश में हो रही गुलामी की प्रथा को खत्म करने के लिए बहुत से काम किये. उन्होंने एक भाषण में कहा कि -“राष्ट्र का बटवारा नही हो सकता, आधे गुलाम और आधे बिना गुलाम नही रह सकते, सभी एक जुट होकर ही रहेंगे”. अब्राहम लिंकन के इस भाषण और उनके कार्य को देखकर उनका नाम अमेरिका के राष्ट्रपति के लिए चुना गया.

अध्यक्षता (President Abraham Lincoln) –
सन 1860 में अब्राहम लिंकन अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति चुने गए. राष्ट्रपति चुने जाने के बाद भी अब्राहम लिंकन का यही प्रयास रहा कि राष्ट्र से गुलामी की प्रथा खत्म हो जाये. गुलामी की प्रथा दक्षिण और उत्तर राज्यों के बीच थी. दक्षिण राज्य के गोरे निवासी कृषि के लिए उत्तर राज्य के निवासीयों को बुलाते थे और उन्हें गुलाम बना कर रखना चाहते थे. किन्तु अब्राहम लिंकन इस गुलामी की प्रथा को खत्म करना चाहते थे.

1 फरवरी, 1861 में मिसिसिप्पी, फ्लोरिडा, अल्बामा, जेओर्गिया, लौइसिआन और टेक्सास अलग हो गए और एक गृहयुद्ध शुरू हो गया. जैसे -जैसे युद्ध बढ़ता गया, लिंकन ने खुद से वादा किया और देश के लिए उन्मूलनवादी आन्दोलन चलाया, और वे इसमें सफल रहे. 1863 में अंत में बंधक मुक्त की घोषणा की और राज्य में गुलामो की आजादी के डॉक्यूमेंट बन गए, किन्तु मिसौरी, केंसास, नेब्रास्का और अर्कांसस में गुलामों को क़ानूनी दाँव पेंच से आजादी नहीं मिली.
अब्राहम लिंकन ने अमेरिका के गृहयुद्ध जोकि उनके खून, नैतिकता, संविधान, और राजनीति की लड़ाई थी, में बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान दिया. इसी के चलते उन्हें बहुत सी परेशानियों का सामना भी करना पड़ा.

गृहयुद्ध
अमेरिका के उत्तरीय राज्य और दक्षिणीय राज्यों के बीच एक गृहयुद्ध हुआ, जोकि गुलामी की प्रथा को ख़त्म करने के लिए था. दक्षिणीय राज्यों के गोरे लोग खेती करने के लिए उत्तरीय राज्यों के काले लोगों को बुलाकर उन्हें हमेशा के लिए अपना बंधक बनाना चाहते थे. दक्षिणीय राज्य अपना खुद का एक देश बनाना चाहता था और उत्तरीय राज्य गुलामी को खत्म करके एकजुट होकर रहना चाहता था. इसी बीच इन दोनों राज्यों के मध्य एक गृहयुद्ध छिड़ गया जोकि 1861 से लेकर 1865 तक चला और इस गृहयुद्ध में उत्तरीय राज्य की जीत हुई.

यह कहना बस काफी नही होगा की युद्ध सिर्फ गुलामी की प्रथा को खत्म करने के लिए था, अपितु इस युद्ध का कारण अलग-अलग विचारधारा होने के विरोध का परिणाम था. दक्षिण राज्य 17वीं और 18वीं शताब्दी में खेती करने के लिए अफ्रीका से आये गुलामों को हमेशा के लिए गुलाम बनाना चाहते थे, जबकि 1801 में उत्तर राज्य में इस प्रथा के खिलाफ कानून बना दिए थे. उत्तर के निवासी मशीन युग में आर्थिक रूप से बहुत प्रगति करने लगे थे और उनकी जनसंख्या में तेजी से बढ़ोतरी होने लगी. किन्तु दक्षिण के निवासी केवल खेती पर ही आधारित थे. उन्होंने युग के साथ प्रगति नही की और उनकी जनसंख्या में तेजी से बढ़ोतरी नही हुई.

युद्ध के मोर्चे तीन थे समुद्र, मिसिसिप्पी घाटी और पूर्व समुद्र तट के राज्य. दक्षिण तट पर यूरोप से आयात और निर्यात की चीजों में रोक लगा दी गई और वहां के सबसे बड़े नगर न्यू ओरलीएन्स से आत्मसमर्पण करा लिया. मिसिसिप्पी की घाटी में भी दक्षिण राज्य ने बहुत जीतें हासिल की. सन 1863 की शुरुआत उत्तर राज्यों के लिए बहुत कठिन साबित हुई किन्तु जैसे –जैसे युद्ध आगे बढ़ा युद्ध का तख्ता पलट गया. सन 1864 में युद्ध का अंत साफ़ दिखाई देने लगा. उत्तर के राज्यों की जीत हुई, और गृहयुद्ध समाप्त हो गया. युद्ध समाप्त होने के बाद दक्षिण राज्यों के लिए सख्ती नही अपनाइ गई और गुलामी की प्रथा ख़त्म करके गुलामों को आजाद करने का कानून बना दिया गया.

मृत्यु (Abraham Lincoln Death History) –
14 अप्रैल 1865 में अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी के एक फोर्ड सिनेमाघर में, जाने – माने अभिनेता और सह अपराधी जॉन विल्केस बूथ ने अब्राहम लिंकन की हत्या कर दी. इस तरह एक ईमानदार और देश के सबसे लोकप्रिय राष्ट्रपति की मृत्यु हो गई.

Comments system

[blogger][facebook]

Disqus Shortname

designcart
Powered by Blogger.